वक्त
वो बचपन ना जाने कहाँ खो गया।
मानो मेरी जिंदगी में कभी आया ही ना हो।।
चेहरे की वो मुस्कुराहट, होठो की वो हसी।
ख्वाबों की वो ऊडान ना जाने कहा गुम हो गई।।
मॉं-बाप का वो प्यार और अपने पन का अहसास।
सायद एक लम्बा अरसा बित गया इन बातों को।।
“मन करता है जोर से चिल्लाकर कह दूँ।
माँ-पापा आपकी याद आती है।।”
ये वक्त भी बित जाएगा, मेरे बचपन की तरह।
और मैं इन्तेज़ार करुँगा उस हसीन लम्हे का।।
जब मॉं बाप के गोद में सर रखकर मैं चैन से सो पाऊँगा.......
सभी चिंताओं से दूर
सभी तकलिफों से दूर
बस सो जाऊँगा.......😇
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